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Saturday, October 2, 2010

सिक्योरिटी स्टडीज

मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद देश के सभी सरकारी और निजी संस्थानों ने निजी सुरक्षा कर्मियों की आवश्यकता को शिद्दत से महसूस किया है। चूंकि राज्य और केंद्र द्वारा सभी तरह के संस्थानों को हर समय सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है, ऐसे में प्रशिक्षित निजी सुरक्षा कर्मियों की मांग बढना स्वाभाविक है। महानगरों और बडे शहरों में स्थित संस्थानों को तो बडी संख्या में ऐसे कर्मियों की जरूरत होती है। हालांकि ऐसे सुरक्षा कर्मियों की मांग पहले भी रही है, लेकिन मुंबई हमलों के बाद इनकी मांग में जबर्दस्त इजाफा हुआ है।

सिक्योरिटी इंडस्ट्री

निजी सुरक्षा कर्मियों की बढती मांग को देखते हुए दिल्ली, मुंबई सहित प्राय: सभी बडे शहरों में काफी सुरक्षा एजेंसियां खुल गई हैं। इन्होंने अब बाकायदा इंडस्ट्री की शक्ल अख्तियार कर ली है। ये एजेंसियां अपने क्लाइंट्स को उनकी आवश्यकता के अनुसार सुरक्षा गा‌र्ड्स उपलब्ध कराती हैं। इस बारे में सीएपीएसआई यानी सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कर्नल जगत त्रिखा बताते हैं कि वर्तमान समय में देश में 15 हजार से अधिक सिक्योरिटी कंपनियां हैं, जिनके माध्यम से करीब 60 लाख सिक्योरिटी गा‌र्ड्स विभिन्न सरकारी और निजी संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यह इंडस्ट्री 25 प्रतिशत सालाना की दर से आगे बढ रही है। सुरक्षा कर्मियों की बढती मांग को देखते हुए सीएपीएसआई ने भविष्य में इस इंडस्ट्री के 40 प्रतिशत वार्षिक की रफ्तार से बढने का अनुमान लगाया है।

हर जगह है उपस्थिति

आज इन्हीं गा‌र्ड्स के भरोसे मॉल्स, मल्टीप्लेक्स, बडे बाजारों और रेजिडेंशियल सोसायटीज की सुरक्षा व्यवस्था भी है। इतना ही नहीं,देश में बडे पैमाने पर संचालित एटीएम या बैंकों और वित्तीय संस्थानों में लाखों-करोडों की रकम की लेन-देन की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी इन्हीं सुरक्षा कर्मियों के जिम्मे होती है। सबसे बडी बात यह है कि इन गा‌र्ड्स की जरूरत सप्ताह के सातों दिन और चौबीसो घंटे होती है। ऐसे में सभी जगहों पर इन सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी शिफ्टों में लगाई जाती है, ताकि संबंधित स्थानों पर दिन-रात सुरक्षा व्यवस्था बरकरार रहे।

दिल्ली मेट्रो में भी सेवा

देश की राजधानी दिल्ली की शान बन चुकी दिल्ली मेट्रो अपने निर्माण के समय से ही निजी सुरक्षा कर्मियों का सहयोग ले रही है। ट्रैफिक संभालने से लेकर मेट्रो स्टेशनों पर भीड को नियंत्रित करने तक का काम ये कर्मी पूरी कामयाबी से कर रहे हैं।

है कडी कसौटी

तमाम लोगों को लगता होगा कि सुरक्षा एजेंसियों से जुडकर हर कोई सुरक्षा कर्मी बन सकता है, लेकिन यह सच नहीं है। दरअसल, भारतीय निजी सुरक्षा एजेंसीज रेगुलेशन ऐक्ट-2005 के तहत सिक्योरिटी एजेंसी स्थापित करने के लिए कडे मानदंड बनाए गए हैं। इसके अलावा, सिक्योरिटी गार्ड बनने के लिए कम से कम 160 घंटे का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है। इसके अलावा, उसका भारतीय नागरिक होना भी जरूरी है। हालांकि, रोजगार देने वाली कंपनियां ऐसे कर्मियों को विदेश स्थित अपनी शाखाओं में भी तैनात कर सकती हैं।

कोर्स कर बनाएं करियर

अगर आप सिक्योरिटी एजेंसी में सुरक्षा कर्मी, सुपरवाइजर आदि के रूप में काम पाना चाहते हैं, तो आप इग्नू यानी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय खुला विश्वविद्यालय से पत्राचार द्वारा या कई अन्य संस्थानों में उपलब्ध सिक्योरिटी मैनेजमेंट का कोर्स करके इस क्षेत्र में एंट्री ले सकते हैं। इग्नू में सर्टिफिकेट से लेकर डिप्लोमा कोर्स तक उपलब्ध हैं। सर्टिफिकेट कोर्स में एडमिशन लेने के लिए जहां न्यूनतम शैक्षिक योग्यता केवल दसवीं उत्तीर्ण है, वहीं एडवांस सर्टिफिकेट कोर्स के लिए बारहवीं उत्तीर्ण होना चाहिए। डिप्लोमा कोर्स के लिए योग्यता किसी भी स्ट्रीम में स्नातक है। सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि 6 माह से लेकर 2 वर्ष तक है, जबकि डिप्लोमा कोर्स की अवधि 1 से 4 वर्ष तक है। यह कोर्स हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों में संचालित होता है। इग्नू में पत्राचार माध्यम से यह कोर्स चलाया जाता है। अगर आप नियमित पढाई करके यह कोर्स करना चाहते हैं, तो दिल्ली और गुडगांव स्थित इंटरनेशनल कॉलेज फॉर सिक्योरिटी स्टडीज में एक साल का रेगुलर पोस्ट डिप्लोमा इन सिक्योरिटी मैनेजमेंट कोर्स कर सकते हैं। इसमें स्नातक उत्तीर्ण युवा प्रवेश ले सकते हैं। खास बात यह है कि स्नातक के दौरान एनसीसी के बी और सी सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को इस कोर्स में वरीयता दी जाती है।

कमाई

कोर्स पूरा करने के बाद आप जानी-मानी सिक्योरिटी कंपनियों में जॉब पा सकते हैं। एक सिक्योरिटी गार्ड के रूप में आपको शुरुआत में 4 से लेकर 10 हजार मासिक तक का वेतन मिल सकता है। यह वेतन इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस स्तर की कंपनी ज्वाइन करते हैं या फिर कितनी बडी कंपनी या वीआईपी को अपनी सेवा दे रहे हैं। विदेश में जाने पर सैलरी वहां के अनुपात में बढ सकती है। अच्छे प्रदर्शन के आधार पर आप सिक्योरिटी सुपरवाइजर और सिक्योरिटी मैनेजर भी बन सकते हैं। इस रूप में आपकी सैलरी 20 से 30 हजार रुपये मासिक या इससे भी ज्यादा हो सकती है।


कहां करें पढाई


इंदिरा गांधी नेशनल ओपेन यूनिवर्सिटी, मैदान गढी, नई दिल्ली-110068, फोन : 011-29571000,

वेबसाइट : www.ignou.ac.in


इंटरनेशनल कॉलेज फॉर सिक्योरिटी स्टडीज, डी-452, रामपाल चौक, सेक्टर-7, द्वारका,


नई दिल्ली-110075, फोन : 011-25084420, 65155206,


वेबसाइट : www.icssindia.org


डेल्ही कम्युनिटी कॉलेज, जी-680, राज नगर, सेक्टर-7, द्वारका, नई दिल्ली-75,


फोन : 011-25366517, वेबसाइट : www.dcc.india.com

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